Software Engineering 3 – A Process Framework (प्रोसेस फ्रेमवर्क)




यह प्रोसेस फ्रेमवर्क किसी भी सॉफ्टवेर के निर्माण का आधार होता है, इसमें फ्रेमवर्क के अनेक क्रियाकलाप होते हैं जो सॉफ्टवेर प्रोजेक्ट के आकार और उसकी जटिलताओं को कम कर उसके निर्माण में सहायक होते हैं| फ्रेमवर्क क्रियाकलाप के साथ – साथ इसमें अम्ब्रेला (Umbrella) क्रियाकलाप भी होती है जो सॉफ्टवेर निर्माण में शुरुआत से लेकर अंत तक अनुप्रयोग होता है|


सामान्य प्रोसेस फ्रेमवर्क कि ५ अवस्था होती है जिसके तहत हम प्रोजेक्ट बनाते हैं :-

सम्पर्क संचार (Communication):- इस अवस्था में हम उपभोगता से सम्पर्क कर उनकी आवश्यकताओं कि सूचि बनाते हैं|


योजना निर्धारण (Planning):- फ्रेमवर्क कि इस अवस्था में हम सॉफ्टवेर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए योजना बनते हैं, इसी अवस्था में हमे यह भी निर्धारित करना होता है कि किस – किस साधन और युक्ति कि जरूत होगी इस प्रोजेक्ट निर्माण के लिए|


मॉडल निर्माण (Modeling):- इस अवस्था में हम प्रोजेक्ट का एक मॉडल या नमूना बनाते हैं और उपभोगता कि तुष्टीकरण करते हैं यदि उपभोगता सॉफ्टवेर के इस नमूने से संतुष्ट होता है तो ही हम इसके आगे कि अवस्था में प्रवेश करते हैं अन्यथा दूसरे मॉडल का निर्माण करते हैं|


निर्माण करना (Construction):- जब उपभोगता हमारे मॉडल से संतुष्ट होता है तो ही हम इस अवस्था में आते हैं और फिर उस मॉडल का प्रोजेक्ट निर्माण करते हैं| इस अवस्था में हम मॉडल के लिए कोडिंग करते हैं, उसके बाद उसकी परीक्षण कि जाति है यदि सॉफ्टवेर उपभोगता के सभी आवश्यकताओं कि पूर्ति हेतु पूर्ण माना जाता है तो फिर इस प्रोजेक्ट निर्माण को पूर्ण मान लिया जाता है|


डेपलोय्मेंट (Deployment):- इस अवस्था में निर्माणित सॉफ्टवेर को उसके उपभोगता को देकर उसकी पुष्टि ली जाति है|


ये ५ सामान्य फ्रेमवर्क क्रियाएँ ही किसी भी सॉफ्टवेर के निर्माण में उपयोग आती हैं| यह फ्रेमवर्क सॉफ्टवेर इंजीनियरिंग का सामान्य दृष्टिकोण होता है और इसमें अम्ब्रेला क्रियाकलाप का भी बहुमूल्य योगदान होता है| अम्ब्रेला क्रियाकलाप में निहित कुछ मुख्य क्रियाएँ :-


सॉफ्टवेर नियन्त्रण (Software Project tracking and control):- यहाँ सॉफ्टवेर टीम निर्धारित समय में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए उतरदायी होती है और इसके लिए हम कोई भी आवश्यक कार्यवाही करने के लिए स्वतन्त्र होते हैं|


रिस्क प्रबन्ध (Risk Management):- रिस्क प्रबन्ध में हम परिणाम, निष्कर्ष, और सॉफ्टवेर के विशेषताओं उसके गुणों का प्रबंधन करते हैं|


सॉफ्टवेर विशेषताओं का आश्वासन (Software Quality assurance):- इसमें हम वे सभी क्रियाकलापों का प्रबन्ध करते हैं जो उस प्रोजेक्ट में विशेषताओं को रखने के लिए आवश्यक होती हैं|


मेजरमेंट (Measurement):- इसमें हम सॉफ्टवेर निर्माण में हुयी प्रगति, उसकी आकृति, संरूप, इत्यादि को मापते हैं|


वर्क प्रोडक्ट प्रीप्रेसन और प्रोडक्सन (Work product preparation and production):- इसमें हम प्रोजेक्ट के आउटपुट और उसके निर्माण पे ध्यान देते हैं|


इस प्रकार से ये कहा जा सकता है कि फ्रेमवर्क क्रियाकलाप और अम्ब्रेला क्रियाकलाप जो प्रोसेस फ्रेमवर्क में उल्लेखित हैं उनका किसी भी सॉफ्टवेर प्रोजेक्ट के निर्माण में बहुमूल्य योगदान होता है|